बाबर का इतिहास हिंदी में पुरा बताये
दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बाबर के बारे में जानने वाले हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ना । बात करें बाबर की तो बाबर एक बहुत ही शक्तिशाली और इतिहास के चर्चित शासक हैं इसक बारे में कई बार competition exams में सवाल पूछे जाते हैं। इस पोस्ट में बाबर के जन्म से लेकर मृत्यु तक वह सभी घटनाएं वह के बारे में बात करेंगे जो अक्सर एग्जाम्स में पूछे जाते हैं।
Babar history |
बाबर का इतिहास क्या है ?
बाबर मुगल वंश के संस्थापक थे इसका जन्म 14 फरवरी 1483 को फरगाना के एक छोटे से राज्य में हुआ था जो फिलहाल उज्बेकिस्तान में पड़ता है । इनके पिता तैमूर वंश से बिलॉन्ग करते थे जिनका नाम उमर शेख मिर्जा था । और इनकी माता मंगोल वंशज कुतलुबनीगार खान जोकि चंगेज खान की फैमिली से बिलॉन्ग करती थी। इनके दादी का नाम दौलतवेग जिसके सहायता से बाबर महज 11 वर्ष की उम्र में 1494 में फरगाना का राजा बना और साथ ही अपने पिता के टाइटल मिर्जा की उपाधि धारण कीया।
बाबर ने 1501 ईसवी में समरकंद पर आक्रमण किया और इसे जीत भी लिया पर इसकी विजय ध्वज समरकंद में केवल 8 महीनों तक ही सीमित रहा। और उसके बाद इन्होंने फिर से काबुल और गजनी पर आक्रमण किया और उस पर अपना अधिकार प्राप्त कर लिया।
बाबर के नाम का राज–
बाबर का ओरिजिनल नाम “जहीरूद्दीन मोहम्मद” था । और तुर्की भाषा में बाघ को बाबर कहा जाता है । जिस कारण से जहीरुद्दीन मोहम्मद अपने पराक्रम और साहस की वजह से बाबर कहलाया ।
बाबर का भारत पर आक्रमण
बाबर ने भारत पर पहला आक्रमण 1519 में बाजौर पर किया था और इसी के साथ बाबर ने भेड़ा के किला को भी जीत लिया जहां बाबर को एक अस्थाई आवास मिल गया। और इस किले को जीतने के लिए बाबर ने बारूद एवं तोप का सहारा लिया था ।
पानीपत का प्रथम युद्ध में बाबर
जब बाबर भेरा के किला को जीत लिया और उसने समाचार पाया की उसे अब पानीपत पर आक्रमण करना है और यह समाचार इब्राहिम लोदी के चाचा जिसका नाम आलम खान लोदी और राँड़ा सांगा तथा पंजाब के सूबेदार दौलत खान ने दिया | और अप्रैल 1526 को बाबर ने पानीपत पर आक्रमण कर दिया और इस आक्रमण में बाबर ने बहुत ही चालाकी से युद्ध की दो नीतियां तुग़लमा तथा उस्मानिया का प्रयोग किया, तुग़लमा नीति में सैनिको को अर्ध चंद्राकार एवं उस्मानिया पध्धति से तोपों को सजाकर आक्रमण किया जिससे युद्ध को और जितना ओर भी आसान हो गया | उस्ताद अली और मुस्तफा अली ,बाबर के दो निशानेबाज थे इस वंश में इब्राहिम लोदी मारा गया और गुलाम वंश का यही एक ऐसा शासक था जो की यश में मारा गया था और इस प्रकार से आक्रमण को बाबर ने जीत लिया । जब बाबर पानीपत को जीत लिया तो भारतीय राजाओं ने यह सोचा कि बाबर भारत सिर्फ संपत्ति को लूटने आया है अब बाबर वापस चला जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नही बल्कि बाबर भारत में अपना साम्राज्य बढ़ाने की ओर चल पड़ा .
खानवा का युद्ध
जैसे ही बाबर ने भारत में रहने का फैसला लिया तो राणा सांगा ने विरोध कर दिया। 1527 ईसवी में आगरा के समीप खानवा में युद्ध हो गया । इस युद्ध में राणा सांगा के साथ इब्राहिम लोदी के भाई महमूद लोदी, आलम लोधी तथा चंदेरी के राजा मेदिनी राय थे। इन सभी राजाओं के सेना आगरा के एक स्थान खानवा में इकट्ठा हो गया । और बाबर को इन चारों राजाओं के सेना के साथ युद्ध करना था बाबर के लिए यह बहुत ही खतरनाक लड़ाई था। और यह मुकाबला बाबर के लिए संभव नहीं था लेकिन फिर भी बाबर ने हार ना मानते हुए अपने सैनिकों को मोटिवेट किया उनका मनोबल ऊंचा किया उन्हें जिहाद के नाम पर और उत्तेजित कर दिया। और इसके साथ-साथ सैनिकों पर लगाए जाने वाले तकमा टैक्स को खत्म कर दिया क्योंकि बाबर को यह युद्ध हर हाल में जीतना था। बाबर सभी सैनिकों को मदिरापान पर रोक लगा दिया और सभी सैनिक बहादुरी से लड़ी अंततः बाबर की जीत हुई। और इस युद्ध को जीतने के बाद पावर ने एक नई उपाधि गाजि (युद्ध का विजेता) धारण किया ।
यह युद्ध 1528 में बाबर तथा चंदेरी(MP) के मेदिनी राय के बीच हुआ जिसमें मेदिनी राय बुरी तरह से पराजित हुए और बाबर की जीत हुई।
यह युद्ध बाबर तथा महमूद लोदी के बीच हुआ जिसमें बाबर की जीत हुई । यह युद्ध 1529 में हुआ था।
1 ).इब्राहिम लोदी गुलाम वंस का एक ऐसा शासक है जो यश के मैदान में मारा गया .
2).इस युद्ध से पहले ही बाबर भारत में 4 बार आक्रमण कर चुके थे .
आपने क्या सीखा
Q1). बाबर का पूरा नाम क्या है?
Ans-जहीरूद्दीन मोहम्मद
Q2). खानवा के युद्ध में बाबर ने कौन से उपाधि धारण किया ?
Ans- गाजि (युद्ध का विजेता )
Q3). बाबर के पिता जी का नाम क्या था?
Ans- उमर शेख मिर्जा
दोस्तों आशा करता हूं की आप बाबर के बारे में पूरी जानकारी जान गए होंगे ।और यह पोस्ट आपको कैसे लगा कमेंट में जरूर बताएं ।
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