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मराठा साम्राज्य का इतिहास और शासनकाल | Maratha Empire History in Hindi

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हैलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक नई पोस्ट में दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको मराठा साम्राज्य के इतिहास   के बारे में बताउँगा तो आप से बस एक ही Request है की आप जब भी कोई आर्टिकल को पढ़ते हो तो उसे ध्यान से पढ़ें । मराठा साम्राज्य का इतिहास और शासनकाल | Maratha Empire History in Hindi मराठा साम्राज्य का संस्थापक छत्रपति  शिवाजी महाराज हैं । इस साम्राराज्य को मराठा परिसंघ के नाम से भी जाना जाता है । मराठा  साम्राज्य के पूर्वज राजस्थान के सीसोदिया वंश के सूर्यवंशी राजपूत थे मराठा साम्राज्य की  स्थापना  1664 ईस्वी में  किया गया था और यह साम्राज्य 1664 से लेकर 1818 तक चला । यह सतरहवी से अठरवी सदी में भारत के बिसाल क्षेत्र पर विस्तार थे । लेकिन जब माधवराव प्रथम की मृत्यु हो जाता है तो मराठा साम्राज्य का कमान पेशवा के हातों में आ जाता है जिसकी वजह से मराठा साम्राज्य की पतन शुरू हो जाती है ।  मराठा साम्राज्य चार्ट  साम्राज्य                      मराठा साम्राज्य                       संस्थापक                  शिवाजी भौंसले  महाराज  स्थापित                            1674 प्रथम शासक       

मुस्लिम लीग क्या है और इसके संस्थापक कौन है ?

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मुस्लिम लीग  क्या है और इसके  संस्थापक कौन है  इसकी जानकारी इस पोस्ट में पूरा जानकारी बताया गया है । इस पोस्ट को पूरा पढ़ें ।   मुस्लिम लीग क्या है  मुस्लिम लीग क्या है ?  "अखिल भारतीय मुस्लिम लीग" का छोटा नाम मुस्लिम लीग है जिसका फाउंडर   आगा खाँ तथा सलीमुल्लाखाँ है । यह एक राजनैतिक समूह था । इसके नेता अलीजिन्ना ने भय के साथ  कहा था कि जब भारत  स्वतंत्र होगा ।  तो हो सके भारत एक हिन्दूवर्चस्व  देश  न बन  जाए    और यही कारण था की जिन्ना पाकिस्तान की मांग बार-बार कर रहे थे ।   और सफल भी हुए ।  मुख्य बिन्दु  नाम                   मुस्लिम लीग  संथापक             आगा  खाँ तथा सलिमुल्ला खाँ  स्थापित                1906 में        मुस्लिम लीग का इतिहास क्या है  मुस्लिम लीग की स्थापना बांग्लादेश के  ढाका में 1906 में हुआ था । इसकी स्थापना आगा खाँ तथा सलीमुल्लाखाँ के द्वारा किया गया था । जब इसकी स्थापना  की गई तब भारत के वायसराय मिनटों-II था । मुस्लिम  लीग की मांग पर मुसलमानों की पृथक निर्वाचन क्षेत्र  मिल गया  जिस कारण मुस्लिम लीग तथा कॉंग्रेस के बीच विवाद हो गया ।  एनिवेसेन्ट तथा ब

छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास Shivaji Maharaj history

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हैलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको  छत्रपति शिवाजी महाराज   के बारे में पूरा डीटेल बताऊँगा तो आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िएगा ।    छत्रपति शिवाजी महाराज  का इतिहास  छत्रपति शिवाजी महाराज  जीवन परिचय भारत के मशहूर शासकों में से एक  छत्रपति शिवाजी महाराज   जिन्होंने  मराठा साम्राज्य के  नींब डाले थे । यह बहुत ही शक्तिशाली , बुद्धिमान तथा दयालु थे । इसने भारत के बिकास के लिए बहुत सारे काम भी किए थे तथा कई सारे लड़ाईयां भी किए थे ।  छत्रपति शिवाजी महाराज  का इतिहास छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरबरी 1630 को के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था ।  इनके माता जीजाबाई तथा पिता शहाजी राजे  थे । इनकी पत्नियाँ   साईंबाई,सकबारबाई, पुतलाबाई, सोयाराबाई थी । इनके बेटे तथा बेटियाँ  क्रमशः संभाजी भोसले या शंभुजी राजे  राजाराम, दिपाबाई, सखुबाई, राजकुंवरबाई, रानुबाई, कमलाबाई, अंबिकाबाई थे ।  शिवाजी महाराज इतिहास  चार्ट          नाम                      शि वाजी महाराज              पूरा नाम             छत्रपति     शिवाजी महाराज   जन्म                         19 फरबरी 1630         माता-पिता             

औरंगजेब जीवन इतिहास (history of Aurangjeb in hindi)

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  दोस्तों जब भी आप औरंगजेब से रिलेटेड कुछ कहानी पढ़ते होंगे तो आपके मन में  लगता होगा कि आखिर औरंगजेब कौन है औरंगजेब की इतिहास क्या है तो चलिए आज के इस पोस्ट में  हम इन्ही सभी सवाल का जवाव देने वाला हूँ तो आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ना जिससे आपके मन के औरंगजेब से रिलेटेड सभी सवाल खत्म हो जाएंगे । औरंगजेब जीवन इतिहास क्या है ?  history of Aurangjeb  in Hindi  औरंगजेब जीवन परिचय मुगल वंश के छठवें शासक औरंगजेब थे । जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभग 50 सालों से भी अधिक शासन किया था । इसकी शासन काल 1658 से लेकर 1707 तक चला था । औरंगजेब मुगल वंश के दुसरे ऐसे शासक थे , जिन्होंने सबसे लंबे समय तक शासन किया था । पहला अकबर था जिसने मुगल वंश पर सबसे अधिक समय तक शासन किया था । औरंगजेब एक ओरिजिनल मुस्लिम कट्टर शासक थे ।    औरंगजेब के  परिवार   बाबर खानदानी औरंगजेब का जन्म 1618 को मुंमताज के गर्भ से हुआ था । और मूमताज को नूर जहां भी कहा जाता है । औरंगजेब की पहली पत्नी ईरान की थी जिसका नाम दिलरास बानो बेगम था इनकी और पत्नियाँ थी जो  औरंगाबादी महल, झैनाबादी महल व उदैपुरी महल  । इनके बेटे का नाम  बह

शेर शाह सूरी का इतिहास | Sher Shah Suri History In Hindi

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 हेल्लो दोस्तो स्वागत है आप सभी का एक और धमाकेदार आर्टिकल में दोस्त्तो जब भी हम ईतिहास के  कुछ टोपिक्स जो  इस अर्टिकल में हम  शेर शाह शुरी के बारे में बात करेंगे तो आप इस आर्टिकल को पुरा जरुर  पढें ।   Sher Shah Suri History In Hindi शेर शाह सूरी का इतिहास क्या है ?  शेर शाह शुरी history चार्ट   नाम                           शेर शाह सूरी               जन्म                1885-1886 हरियाणा या   (1472 रोहतास जिले के सासाराम में) इतिहासकार का अलग-अलग मत  पिता                     हसन खान सूरी                 पुत्र                       इस्लाम  शाह सूरी              पत्नि                      रानी  शाह                         शेर शाह शुरी का प्रारंभिक स्तिथि कैसी थी ?  शेर शाह सूरी  अर्थात फरीद खान के पिता क नाम हसन खान था जो शुरूआती समय मे लोदी वंश के एक कार्यकारी थे और बाद मे यह बिहार के नुमानी  वंश के एक अच्छे कार्यकरी  बने जिस वजह से एक दिन फरीद अपने पिता के साथ नुमानी वंश के एक फेमस शासक बहार अली के दरबार चले गये . बहार अली फरीद से मिलकर बहुत खुश हुए तथा बाद में इन्होने ही फरीद  खान को

हुमायूँ जीवनी - Biography of Humayun in Hindi Jivani

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हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको   हुमायू  के बारे में बताउंगा  ,   इस पोस्ट में हुमायूँ के बारे मे पूरा डिटेल बताया गया है तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ना ।  हुमायूँ  biography हुमायूँ का परिवार  मुगल वंश के मशहूर शासक तथा इस वंश के संस्थापक जहिरुद्दिन मोहम्मद ( बाबर )  के बडे    बेटे का नाम  हमायुं है हुमायूँ क पुरा नाम नसिरुद्दिन मुहम्मद हुमायूँ था जिसका जन्म 1508  ईसवी में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुआ था. इनके माँ का नाम महम बेगम थी । यह चार भाई थे .  (हुमायूँ   ,कामरान ,अस्करि तथा हिंदाल ) .बाबर अपने  मृत्त्यु के पहले ही  हुमायूँ  को अपना  उतराधिकारि घोसित कर दिया था , अतः   हुमायूँ बाबर का उतराधिकारि बना . हुमायूँ का जीवनी चार्ट:- पुरा नाम                 नसिरुद्दिन मुहम्मद हुमायूँ    जन्म                       6 मार्च,1508 ई.,काबुल        पिता                        बाबर                                    माता                       महम बेगम                         माकबरा                  हुमायूँ   का मकबरा               मृत्यु                      27 जनवरी 1556 

बाबर का इतिहास हिंदी में पुरा बताये

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  दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बाबर के बारे में जानने वाले हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ना ।  बात करें बाबर की तो बाबर एक बहुत ही शक्तिशाली और इतिहास के चर्चित शासक हैं इसक बारे में कई बार competition exams  में सवाल पूछे जाते हैं। इस पोस्ट में बाबर के जन्म से लेकर मृत्यु तक वह सभी घटनाएं वह के बारे में बात करेंगे जो अक्सर एग्जाम्स में पूछे जाते हैं।  Babar history बाबर का इतिहास क्या है ?   बाबर मुगल वंश के संस्थापक थे इसका जन्म 14 फरवरी  1483 को फरगाना के एक छोटे से राज्य में हुआ था जो फिलहाल उज्बेकिस्तान में पड़ता है । इनके पिता तैमूर वंश से बिलॉन्ग करते थे जिनका नाम उमर शेख मिर्जा था । और इनकी माता  मंगोल वंशज कुतलुबनीगार खान जोकि चंगेज खान की फैमिली से बिलॉन्ग करती थी। इनके दादी का नाम दौलतवेग जिसके सहायता से बाबर महज 11 वर्ष की उम्र में 1494 में फरगाना का राजा बना और साथ ही अपने पिता के टाइटल मिर्जा की उपाधि धारण कीया।                         बाबर ने 1501 ईसवी में समरकंद पर आक्रमण किया और इसे जीत भी लिया पर इसकी विजय ध्वज समरकंद में केवल 8 महीनों तक ही सीमित रहा। और उसके ब

भगत सिंह का इतिहास क्या है ? संक्षेप जानकारी।

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दोस्तों नमस्कार आप सभी का एक नई पोस्ट में स्वागत है इस पोस्ट में हम भगत सिंह के इतिहास के बारे में जानेंगे कि भगत सिंह के इतिहास कहां से शुरू होती है और इनका इतिहास कहां तक जाकर खत्म होता है। भगत सिंह का इतिहास क्या है ? आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले भगत सिंह हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसते हैं।भगत सिंह एक भारतीय क्रांतिकारी देशभक्त थे। इनका जन्म 28 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था जो कि अभी फिलहाल पाकिस्तान में मौजूद है। इनके पिता सरदार कृष्ण सिंह था और माता विद्यावती । भगत सिंह भारत की आजादी के लिए महज 23 साल की उम्र में जान दे दी थी। हालांकि आप जलियांवाला बाग हत्याकांड को अच्छी तरीके से जानते होंगे जिससे भगत सिंह बहुत ही प्रभावित हुए थे। उस समय इसकी उम्र महज 12 साल हो चुकी थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड से प्रभावित होने के बाद भगत सिंह ने लाहौर के कॉलेजों से पढ़ाई छोड़ कर अपनी एक ऐसी सभा बनाई जो “नौजवान भारत सभा” के नाम से जाना जाता है । जलियांवाला बाग हत्याकांड से कैसे प्रभावित थे ? एक दिन जब भगत सिंह स्कूल से पढ़कर के अपने घर नहीं पहुंचा तो उसके मां

वैदिक सभ्यता की चर्चा हिंदी में करें

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  वैदिक सभ्यता की चर्चा करें (vadik sabhyata ki jankari) सिंधु सभ्यता के पतन के बाद एक और ग्रामीण सभ्यता का उद्भव हुआ इसी को वैदिक काल कहा गया इसमें वेदों की रचना की गई जिस कारण से भी इसे वैदिक काल कहा जाता है वैदिक काल को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है ऋग्वेद काल एंड उत्तर वैदिक काल , वैदिक काल की रचना आर्यों के द्वारा किया गया था आर्य लोग संस्कृत भाषा जानते थे जो मध्य एशिया से भारत के सप्त सेंधव प्रदेश में (सात नदियों का प्रदेश या पंजाब,हरियाणा etc.)आए थे। ये भारतीय लोगों को अनार्य कहते थे मतलब जो संस्कृत नहीं जानता है उन्हें अनार्य कहा जाता है और सारे लोग संस्कृत भाषा जानते थे इसलिए यह अपने आप को बहुत ही श्रेष्ठ मानते थे अर्थात देवताओं के समान मानते थे।   आर्य प्रर्वतक होने के कारण यह सभ्यता आर्य सभ्यता भी कही गई तथा इस काल के बारे में जानकारी के प्रमुख स्रोत वेद हैं अत: इसे वैदिक सभ्यता या वैदिक संस्कृति कहा गया। इस समय का सबसे प्रिय पशु गाय थी । वैदिक सभ्यता की टाइमलाइन 1500 ईसा पूर्ण से 500 ईसा पूर्व तक सीमित है। वैदिक काल के देवता: – इंद्र :–दोस्तों यह वैदिक काल का सबसे प्र