हुमायूँ जीवनी - Biography of Humayun in Hindi Jivani

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको   हुमायू  के बारे में बताउंगा ,  इस पोस्ट में हुमायूँ के बारे मे पूरा डिटेल बताया गया है तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ना । 

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हुमायूँ  biography

हुमायूँ का परिवार 

मुगल वंश के मशहूर शासक तथा इस वंश के संस्थापक जहिरुद्दिन मोहम्मद (बाबर)  के बडे  बेटे का नाम  हमायुं है हुमायूँ क पुरा नाम नसिरुद्दिन मुहम्मद हुमायूँ था जिसका जन्म 1508  ईसवी में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुआ था. इनके माँ का नाम महम बेगम थी । यह चार भाई थे .  (हुमायूँ   ,कामरान ,अस्करि तथा हिंदाल ) .बाबर अपने  मृत्त्यु के पहले ही  हुमायूँ  को अपना  उतराधिकारि घोसित कर दिया था , अतः   हुमायूँ बाबर का उतराधिकारि बना .


हुमायूँ का जीवनी चार्ट:-

पुरा नाम                 नसिरुद्दिन मुहम्मद हुमायूँ   
जन्म                       6 मार्च,1508 ई.,काबुल       
पिता                        बाबर                                  
 माता                       महम बेगम                        
माकबरा                  हुमायूँ   का मकबरा            
मृत्यु                      27 जनवरी 1556                   


हुमायूँ का राज्यअभिशेक 

बाबर कि मृत्यु 26 december 1530 ईसवी  को हुआ मृत्यु के चार दिन बाद 30  december 1530 को हुमायूँ  का राज्यअभिशेक किया गया . इस समय ईसकी उम्र महज 23 साल हो चुकी थी . जब मुगल गद्दी  हुमायूँ  के  हाँथ  में आया तो  इसने मुगल वंश कि सम्पति को अपने चार भाईयो  में बाटने का निर्नय लिया . और   हुआ भी कुछ ऐसा ही उसने असकरी को सम्भल, हिंदाल को मेवात तथा कामरान को पंजाब का सुबेदारी सौंप दिया. कामरान आगे जाकर हुमायूँ  की एक विशाल प्रतिद्वन्दि बने . जो कि  आगे  चलकर हुमायूँ  के लिए खतरा साबित हुआ .

हुमायूँ  का युद्ध   

1 ) दोहरिया युद्ध (अगस्त 1532 ) :-  1532 में  हुमायूँ  ने अफगानी शासक महमूद  लोदी जो गुजरात के जौनपुर पर शासन कर  रहे  थे उस पर आक्रमण किया । और हुमायु की विजय  हुई ।

2) चौसा  का  युद्ध :- यह  युद्ध हुमायूँ  तथा शेर साह शुरी के बीच लड़ा गया . यह युद्ध 26 जुन 1539 को चौसा स्थान पर हुआ था .यह स्थान फिलहाल बिहार के बक्सर जिला मे स्थित है . इस युद्ध में  हुमायूँ कि बुरि तरह से परजाय हुई और शेर शाह सुरी की जीत हुई . और इस युद्ध में हुमायूँ  न केवल पराजय हुई थी बल्कि इसकी बुराई भी हुई थी क्योंकि यह युद्ध का मैदान छौड़कर भाग गया था .

3) हुमायूँ  तथा  बहादुर शाह  का युद्ध :- 1535 इसवी में हुमायूँ   तथा बहादुर शाह के बीच हुआ . इस युद्ध में हुमायूँ   की विजय  हुई तथा बहादुर शाह की पराजय हुई .

हुमायूँनामा क्या है ? 

हुमायूँनामा  हुमायूँ की  जिवनी है जो इसकी बहन गुलबदन बेगम के द्वारा है लिखा गया है . इसमें बेगम ने  हुमायूँ को नोर्मल तथा अच्छे शान स्वभाव का बताया गया . यह पुस्तक फारसी  भासा में  लिखी गयी थी बाद में इसे दुसरे भासा में परिवर्तित किया गया  . 

हुमायूँ की मृत्यु कैसे हुई ? 

हुमायूँ 1555 ईस्वी में काबुल से दिल्ली की ओर अभियान किया तथा  अफगान के एक शासक सिकंदर सूरी को पंजाब में पराजित किया । उसके बाद वह दिल्ली और आगरा की तरफ प्रस्थान किया  और अंततः वह सिर्फ 6 महीनों तक शासन कर सका और एक दिन वह  अपने महल की सीढियों से फिसल कर गिर पड़ा जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गयी। इसकी मृत्यु  27 जनवरी 1556  को  हुआ था.



दोस्तो आशा है कि आप इस पोस्ट में आप हुमायूँ के जीवनी  के बारे में पुरा जानकारी प्राप्त कर लिये होंगे .और यदि आपके पास कुच्छ सवाल है तो कोमेंट में जरुर पुछे । 

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